वो बारिश की बूँदें आज भी कुछ याद दिला जाती हैं
वो ठंडी हवाओं में साथ घूमना
वो चाट के ठेले पर गोल गप्पे खाना
वो बरसात में स्कूटी तेज़ तेज़ चलाना
वो क्लास में टिफिन खाना
वो भूगोल शास्त्र की क्लास से भाग जाना
वो भूगोल शास्त्र की क्लास से भाग जाना
वो पानी पीने के बहाने पूरे स्कूल के चक्कर काटना
वो मिल बाँट के खाना
वो कैंटीन के बाहर खड़े हो कर लड़ना
वो बास्केटबाल के लिए झगड़ना
हर लम्हा हर पल बस मस्ती कर
वो खट्टी मीठी यादें आज भी आँखों में आंसू दे जाती हैं
-हर्षिता श्रीवास्तव